यूपी के इन जिलों में बनने वाले 700 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर बनेगी हवाई पट्टी, लड़ाकू विमान भी उतरेंगे यहां


 

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भारत-नेपाल के बीच तराई क्षेत्र से होकर जाने वाली गोरखपुर से शामली तक बनने वाली 700 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे के विकास से कई फायदे होंगे। आपको बता दें एक्सप्रेस-वे से एक तरफ जहां तराई क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी, वहीं भारत का सामरिक महत्व भी बढ़ेगा. इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे। चीन की सीमा के पास होने के कारण इस हवाई पट्टी का विशेष महत्व माना जा रहा है।

 

एनएचएआइ ने शुरू किया सर्वे

 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने सड़क के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में ऐसी जगह की तलाश की जा रही है, जहां तीन किलोमीटर लंबाई में बिल्कुल सीधी सड़क बनाई जा सके, जिससे एयर स्ट्रिप बनाने में आसानी हो. सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर इस एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनाने की तैयारी हो रही है। सामरिक दृष्टि से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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सीएम योगी के सुझाव पर बदला ले आउट

 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की चेयरपर्सन अलका उपाध्याय ने पिछले दिनों गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इसकी प्रगति से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया था कि इस एक्सप्रेस-वे के मार्ग में कुछ बदलाव कर इसे भारत-नेपाल के बीच तराई क्षेत्र से गुजारा जाए, जिससे कि यह इलाके भी विकास से सीधे जुड़ जाएं। एनएचएआइ की चेयरपर्सन ने इस पर सहमति जताते हुए इसका सर्वे शुरू कराने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इस एक्सप्रेस-वे का सर्वे शुरू कर दिया है।

 

निर्माण शुरू करने के लिए मंथन शुरू

 

फिलहाल इस पर मंथन चल रहा है कि इसकी शुरुआत गोरखपुर के जंगल कौड़िया से हो या कैंपियरगंज से लागत कम करने के लिए इसे ग्रीन बेल्ट से निकाला जाएगा साथ ही सर्वे में इस पर ध्यान दिया जाएगा कि रास्ते में नदी-नाले व चौराहे कम आएं, जिससे कि कम से कम अंडरपास और पुल बनाने पड़े। एनएचएआइ अधिकारियों ने संभावना जताई है कि यह एक्सप्रेस-वे 90 से 100 मीटर चौड़ा हो सकता है।

 

इन जिलों को होगा सीधा फायदा

 

एक्सप्रेस वे को पूर्वी उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच आदि जिलों से गुजारने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इधर से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर को जोड़ते हुए यह एक्सप्रेस वे शामली तक जाएगा। इसके बन जाने से आवागमन के साथ पर्यटन व होटल उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक व सामाजिक विकास होगा। गोरखपुर विकास से सीधे जुड़ जाएगा।

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