सेहत की बात: अध्ययनकर्ताओं ने चेताया- कम पानी पीने से घट सकती है आपकी उम्र, जानिए इसके और क्या दुष्परिणाम हैं?


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तमाम अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को भरपूर मात्रा में पानी पीते रहने की सलाह देते रहे हैं। सिर्फ गर्मी के दिनों में ही नहीं, बल्कि सर्दियों के इस मौसम में भी शरीर में पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन होने का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को रोजाना कम से कम 3-4 लीटर की मात्रा में पानी जरूर पीते रहना चाहिए। पानी की कमी के कारण पाचन से लेकर संपूर्ण स्वास्थ्य पर कई प्रकार से नकारात्मक असर हो सकता है।
एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं उनकी उम्र भी कम हो सकती है। द लैंसट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ता बताते हैं कि कम पानी पीने वाले लोगों में तेजी से उम्र बढ़ने और जीवन की अवधि कम होने जैसी समस्या अधिक देखी गई है। इतना ही नहीं, 50 की आयु में भी जिन लोगों ने हाइड्रेशन पर विशेष ध्यान दिया उनमें बीमारियों की जोखिम और कई कारणों से समय से पहले मौत का खतरा कम देखा गया है।
इस आधार पर विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए।
अध्ययन में क्या पता चला?
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने जानने की कोशिश की है कि पानी पीते रहने का जीवन की अवधि पर किस प्रकार से असर हो सकता है? अध्ययन में पाया गया कि जो लोग कम पानी पीते हैं उनमें सीरम सोडियम लेवल अधिक हो सकता है। स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में सोडियम का सामान्य स्तर 135-145 मिलीमोल प्रति लीटर तक होना चाहिए। पानी की कमी के कारण इसका स्तर बढ़ जाता है।
144 मिलीमोल प्रति लीटर से अधिक सोडियम के स्तर वाले लोगों में समय से पहले मृत्युदर का जोखिम 21 फीसदी अधिक पाया गया है। यह क्रोनिक बीमारियों के खतरे को भी 39 फीसदी तक बढ़ाने वाली समस्या हो सकती है, जो समय से पहले मृत्यु का कारण बनती है।
कम पानी पीने के और भी कई नुकसान हो सकते हैं।
थकान-कमजोरी की समस्या
कम पानी पीने के कारण ऊर्जा के स्तर में कमी की समस्या बनी रहती है जिसके कारण आपको अक्सर थकान-कमजोरी महसूस हो सकती है। पानी आपके दिमाग को सतर्क और शरीर को संतुलित रखने में मदद करती है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में चक्कर आने की भी समस्या हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ठंड के मौसम में भी शरीर को पानी की पर्याप्त आवश्यकता होती है, इसका खास ध्यान रखा जाना चाहिए।

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किडनी स्टोन की समस्या
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से किडनी का सामान्य कामकाज भी प्रभावित हो सकता है और किडनी के लिए फिल्टरेशन काफी कठिन हो जाता है। यह स्थिति किडनी में अपशिष्टों के एकत्रित होने का भी कारण बन सकती है। गुर्दे की पथरी बनने के लिए इसे एक प्रमुख कारण के रूप में जाना जाता है।
डॉक्टर कहते हैं, यदि आपको किडनी स्टोन की समस्या है तो भी पानी की मात्रा बढ़ाकर इसे बाहर निकालना आसान हो सकता है।
मस्तिष्क की सेहत पर असर
पानी कम पीने की असर मस्तिष्क के लिए भी समस्याओं का कारण बन सकता है। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और यह याददाश्त और मानसिक उनींदापन को कम करने में भी मददगार है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में मस्तिष्क के लिए सामान्य तौर पर कार्य करना कठिन हो जाता है, यह हार्मोन्स के स्राव को भी प्रभावित करने वाली समस्या हो सकती है।
अस्वीकरण: गिरिडीह व्यूज की हेल्थ एवं लाइफ स्टाइल कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। गिरिडीह व्यूज लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 


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