सर्दी में क्यों ज्यादा आते हैं हार्ट अटैक, जानिए वजह और सावधानियां


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Heart attack in winters: देश के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से तापमान लगातार गिर रहा है. गिरता पारा लोगों की तकलीफ बढ़ा रहा है. रात में तापमान 2 डिग्री तक गिर रहा है. सर्दी के इस सितम के बीच हार्ट अटैक के केस भी बढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक दिन में ही 25 लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने और ब्रेन स्ट्रोक से हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी बढ़ जाता है. जिन लोगों को पहले से हार्ट डिजीज है उनको सबसे अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.
हार्ट अटैक के केस सर्दियों में क्यों बढ़ रहे हैं. किन लोगों को अटैक आने का खतरा ज्यादा है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?
ऐसे कई सवालों का जवाब जानने के लिए हमने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फैमा) के मुख्य सलाहकार डॉ. दीपक सुमन से बातचीत की है.
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
डॉ. दीपक सुमन बताते हैं कि ज्यादा ठंड पड़ने की वजह से हार्ट की आर्टरीज सिकुड़ने लगती हैं. बॉडी को गर्म रखने के लिए ब्लड फ्लो काफी बढ़ जाता है. इस वजह से बीपी बढ़ने लगता है और कई मामलों में व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है. ठंड की वजह से हार्ट की नसों में ब्लड क्लॉट भी हो सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का रिस्क रहता है. सर्दियों में लोग एक्सरसाइज भी कम करते हैं. जिससे बीपी और ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है. ठंड के मौसम में सुबह के समय अटैक आने का खतरा सबसे अधिक होता है.
किन लोगों को है ज्यादा रिस्क
जिन लोगों को मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और पहले से ही दिल की कोई बीमारी है उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा काफी बढ़ जाता है. जो लोग कोविड से रिकवर हुए हैं उन्हें भी खास ध्यान रखना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड की वजह से हार्ट की आर्टरीज में ब्लड क्लॉट हो रहा है. जिससे हार्ट को खून पंप करने में परेशानी हो रही है. इसकी वजह से हार्ट फंक्शन पर असर पड़ रहा है और अटैक आ रहा है. इन सभी लोगों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर इन लोगों को दिल का दौरा पड़ता है तो बचने की संभावना काफी कम होती है.

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कम उम्र में भी क्यों पढ़ रहा दिल का दौरा
डॉ दीपक बताते हैं कि आजकल युवाओं की लाइफस्टाइल काफी खराब हो गई है. खानपान भी ठीक नहीं है. कम उम्र में ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है. कई युवा ऐसे भी हैं जो बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हैं, जिससे हार्ट पर असर पड़ रहा है. कई बार जेनेटिक कारणों से भी हार्ट डिजीज हो सकती है. आजकल देखा जा रहा है कि 25 साल के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ रहा है. इसका बड़ा कारण डाइट ठीक न लेना और खराब लाइफस्टाइल ही है.
वो क्या लक्षण हैं जिनकी पहचान से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है
हार्ट अटैक या कोई भी बीमारी अचानक नहीं होती है. यह काफी समय से हमारे शरीर में पनप रही होती है, लेकिन लोग इसपर ध्यान नहीं देते और फिर एक दिन स्थिति खराब हो जाती है. हार्ट अटैक के साथ भी ऐसा ही है. अगर शरीर में मोटापा बढ़ रहा है, डायबिटीज की समस्या है. छाती में दर्द महसूस होता है या फिर जल्दी ही सांस फूल जाता है तो ये सब हार्ट डिजीज के लक्षण होते हैं. इस स्थिति में तुरंत हार्ट का चेकअप कराना चाहिए.
दिल की सेहत का कैसे रखें ध्यान
◆ आजकल सबसे जरूरी है कि खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें. डाइट में जंक फूड न लें.
◆ शराब का सेवन और धूम्रपान न करें.

 

◆ युवाओं को सलाह है कि बिना डॉक्टरों की सलाह के स्टेरॉयड का सेवन न करें.
◆ हर तीन महीने में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट या फिर चेस्ट सीटी करा सकते हैं.
◆ रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें.
डाइट में प्रोटीन और विटामिन शामिल करें.
◆ जिन लोगों को पहले से हार्ट डिजीज है वे सुबह वॉक न करें.
◆ इस मौसम में नमक का सेवन कम करें.
◆ अगर पहले से हार्ट डिजीज है तो नियमित रूप से दवाएं लें.
◆ शरीर को गर्म रखें, सुबह के समय इसका विशेष ध्यान रखें.

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