उपायुक्त की उपस्थिति में परिवार कल्याण पखवारा का किया गया शुरुआत,उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया सम्मानित …


Picsart_23-03-27_18-09-27-716
Picsart_23-02-13_12-29-35-251

गिरिडीह:-आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा की उपस्थिति में 11/7/2023 से 31/7/2023 तक चलने वाले परिवार कल्याण पखवारा का शुरुआत किया गया। इस दौरान वर्ष 2022 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों सम्मानित किया गया। साथ ही लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता रथ भी निकाला गया था, जो लोगों को परिवार कल्याण की योजनाओं से अवगत करा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि भारत का प्रजनन दर 2%, झारखंड का प्रजनन दर 2.3% एवं गिरिडीह जिला का प्रजनन दर 2.4% है जो कि बहुत अधिक है, एवं इसे कम करने की आवश्यकता है। जनसंख्या का अधिक अनुपात जलवायु में भीषण परिवर्तन ला रहा है, जो कि काफी हानिकारक है। प्रजनन दर कम करने को लेकर लोगों को परिवार कल्याण के विभिन्न साधनों के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा बताया गया कि प्रकृति नर एवं मादा शिशु के जन्म व जन्म अनुपात में कोई भेद भाव नहीं करती है। किंतु मानव लिंग परीक्षण का मादा शिशुओं की जगह नर शिशुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसके कारण नर मादा का सेक्स रेश्यो खराब हो रहा है, जिसका परिणाम काफी भीषण होगा। 

प्रजनन दर कम करने के निम्नांकित साधनों का प्रयोग किया जा सकता है।सिविल सर्जन ने कहा कि जन्म दर कम करने के लिए एनएसवी, इंटरनल फीमेल स्टरलाइजेशन, पोस्ट पार्टम स्टरलाइजेशन, टोटल स्टरलाइजेशन, आईयूसीडी इंसर्शन, पीपीआईयूसीडी इंसर्शन, पोस्ट अबॉर्शन आईयूसीडी, अंतरा, छाया, माला एन, कंडोम, ईसीपी, पीटीके आदि को अपनाया जा सकता है जो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य केंद्रों ने उपलब्ध है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त महोदय ने कहा कि…..

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि गिरिडीह में प्रजनन दर बहुत अधिक है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परिवार कल्याण आयामों के तहत जनवृधि दर में कमी लाना है। इसके लिए परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों का प्रयोग अतिआवश्यक है। आज विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या भारत की है। अधिक जनसंख्या देश के व राज्यों के संसाधनों पर काफी बुरा प्रभाव डालती है। जमीन, अनाज, जल, जलवायु, आदि पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। गिरिडीह जिले की ग्रामीण आबादी बहुत ज्यादा है। गिरिडीह जिले में प्रजनन दर 2.4 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय व राज्य के भी प्रजनन दर से अधिक है। अतः सभी लोगों को मिलकर इसमें कमी लाने की आवश्यकता है।

Picsart_23-07-01_21-39-32-545

वर्ष 2022 में परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर्स, बीटीटी, एएनएम, सहिया आदि को सम्मानित किया गया जिनके नाम निम्नलिखित हैं:-

1. डा रंजित एवं उनकी टीम, तिसरी

2. डा बीके सिंह, जमुआ

3. डा इंदिरा सिंह (शिवम क्लिक), गिरिडीह सदर

4. मंजू कुमारी, बेस्ट बीटीटी, पीरटांड़

5. प्रीति देवी, बेस्ट बीटीटी, बेंगाबाद 

6. मिलन कुमारी, एएनएम, बगोदर

7. कुमारी रोजी रानी, एएनएम, पीरटांड़

8. बिलियाना किस्कू, एएनएम, पीरटांड़

9. पुष्पा बरनवाल, एएनएम, बिरनी

10. रंजना कुमारी, एएनएम, गांडेय

11. उषा कुमारी, एएनएम, गावां

12. चंद्रानी बेसरा, एएनएम, तिसरी

13. सुनीता कुमारी, एएनएम, सदर

14. मधुमाला कुमारी, एएनएम, धनवार

15. अंशु ऐंद, एन, धनवार

16. रीना हेंब्रम, एएनएम, बेंगाबाद 

17. नीलम कुमारी, एएनएम, डुमरी

18. नीलम कुमारी, एएनएम, जमुआ

19. रीता वर्मा, सहिया, बेंगाबाद

20. संगीता कुमारी, सहिया, बिरनी

21. सीता देवी, सहिया, बगोदर

22. बबिता देवी, सहिया, देवरी

23. रंजू देवी, सहिया, डुमरी

24. सुषमा मंडल, सहिया, गांडेय

25. उषा पांडेय, सहिया, गावां

26. अंजू देवी, सहिया, जमुआ

27. बसंती देवी, सहिया, पिरटांड़

28. रूबी देवी, सहिया, धनवार

29. गीता देवी, सहिया, सदर

30. गुड़िया देवी, सहिया, तिसरी

कार्यक्रम एक संचालन डीपीएम स्वास्थ्य प्रतिमा कुमारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा डीडीसी , अपर समाहर्ता, आईएएस प्रशिक्षु, सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, एएनएम, सहिया समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

-Advertisment-

Screenshot_20230213-125858_Gallery
Picsart_23-06-29_11-38-10-352
Picsart_23-06-29_11-35-17-599
Picsart_23-02-13_12-54-53-489
Picsart_22-12-10_00-00-01-405
Picsart_22-02-04_22-56-13-543


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page