माले ने मनाया राष्ट्रीय प्रतिवाद दिवस, साथ ही मणिपुर मामले पर गृह मंत्री और मणिपुर के सीएम का फूका पुतला..


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गिरीडीह:- भाकपा माले गिरिडीह विधानसभा प्रभारी श्री राजेश सिन्हा,माले नेत्री प्रीति भास्कर,माले नेता उज्जवल साव व निशांत भास्कर,नवाब और कैफ़ी के अगुवाई में दर्जनों माले के समर्थक मेंबर ने गिरिडीह हाई स्कूल मैदान में जमा होकर सर जेसी बॉस स्कूल तक मार्च किया उसके बाद रेड क्रॉस के *सामने,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह का पुतला फूका गया श्री सिन्हा ने कहा कि नफ़रती भीड़ द्वारा कुकी महिलाओं पर यौन हमले की वीभत्स घटना करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा देना होगा,साथ ही साथ कई महीनो से मणिपुर जल रहा है, पीएम और सीएम संज्ञान नही ले पा रहे है,इसका भी जबाब केंद्र को देना होगा।

माले नेता और नेत्री के तरफ से मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा देने की मांग की गई 

मणिपुर की कूकी महिलाओं की बर्बर नग्न परेड व यौन हिंसा का वह वीडियो भाजपा के “डबल इंजिन शासन” की असलियत को उजागर कर संघ ब्रिगेड की भीड़ हिंसा की संस्कृति की खौफनाक सच्चाई को सामने ला रहा है.

प्रधानमंत्री की इतने दिनों तक की चुप्पी ने इस अपराध की गंभीरता को बढ़ा दिया है. अगर उन्हें सचमुच लग रहा है कि जो हुआ वह “शर्मनाक” है और “मणिपुर की बेटियों” को न्याय देंगे तो कम से कम मानवता के विरुद्ध हुए इन अमानवीय अपराधों और मणिपुर में शासन की पूर्ण विफलता के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने को कहें।

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गिरीडीह नगर संयोजक उज्ज्वल साव ने कहा दो कुकी महिलाओं पर भीड़ द्वारा यौन हमले की वीभत्स घटना का सामने आया है,मणिपुर के कांगपोकपी जिले में यह घटना उस वक्त घटित हुई, जब ये महिलाएं अपने परिजनों के साथ, उनके गांवों को आग लगाती भीड़ से बचने के लिए नजदीकी इलाके में जाने की कोशिश कर रही थी. इन महिलाओं के कपड़े उतार दिये गए और इन्हें नग्न अवस्था में घूमने के लिए मजबूर किया गया. इन महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, ‘बदले’ की कार्यवाही के तौर पर किया गया,शर्मनाक है।

माले नेत्री प्रीति भास्कर ने कहा मणिपुर मई के महीने से जल रहा है, लगभग 150 लोगों की मौत हो चुकी है और जातीय हिंसा के चलते हज़ारों लोग अपनी जगहों से उजड़ चुके हैं. हिंसा भड़कने का तात्कालिक कारण मणिपुर उच्च न्यायालय का वह आदेश बना, जिसमें बहुसंख्यक मैती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बात कही गयी थी. मणिपुर और केंद्र सरकार, मणिपुर के लोगों, खास तौर पर आदिवासियों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, कुकी- जो समुदाय को विदेशी बताने वाले विमर्श को आगे बढ़ाते हुए, खुद भी आदिवासियों के खिलाफ घृणा फैलाने में शामिल हैं।

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