21 जून की रात को, बिहार के पटना से कोलकाता जा रहे एक व्यवसायी वाहन को जमुआ-गिरिडीह मुख्य मार्ग के पास एक बाटी मोड़ पर लूट लिया गया। इस लूटमार में डीवाई कंपनी से पांच करोड़ रुपये चोरी हो गई। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए मास्टरमाइंड खिरोधर साह, जिन्हें गुलाब साह के नाम से भी जाना जाता है, और मुन्ना रविदास को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के साथ, पुलिस ने मास्टरमाइंड खिरोधर साह से 77 लाख रुपये की चोरी की राशि को भी बरामद किया। मुन्ना रविदास भी इस लूटमार का हिस्सा थे, और वे भी हजारीबाग के बरही से थे।
इस घटना के बाद, तत्कालीन एसपी ने एक विशेष टीम का गठन किया और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में धनबाद जिले के गोविंदपुर, अमलाटांड़, और फकीरडीह के अर्थशास्त्री भी शामिल थे। इन सभी आरोपियों से 3.24 करोड़ रुपये की चोरी की राशि को बरामद किया गया था। इन आरोपियों ने पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की थी।
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इस बड़ी लूटमार के सफल उद्भेदन के मौके पर, जिले के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने एक प्रशंसनीय कदम उठाया है। उन्होंने तीन डीएसपी – मुकेश महतो, संदीप सुमन, और नौशाद आलम, समेत जमुआ थाना प्रभारी बिपिन कुमार, धनवार थाना प्रभारी पीकू प्रसाद, धनवार थाना प्रभारी सत्यदीप समेत 11 आर्म्स गार्ड को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया है। इस सम्मान के साथ, साकेत सिंह, टुनटुन साह, नरेश हज्जाम, आसीन अंसारी, और नगीना पासवान भी इस सम्मान के हिस्से हैं।
एसडीपीओ स्तर के अधिकारियों को 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया और एसआई रैंक के अधिकारियों को 3 हजार रुपये से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि के माध्यम से, गिरिडीह पुलिस ने महज़ तीन महीनों में हुए पांच करोड़ लूटकांड मामले के खुलासे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और पुलिस अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ा दिया है।
प्रेसवार्ता के दौरान, एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि तीन महीने पहले, 21 जून को जमुआ थाना इलाके के बाटी मोड़ में एक क्रेटा वाहन से पांच करोड़ नगद लूटमार का दुर्भाग्य बढ़ा। इस घटना में, हजारीबाग के बरही इलाके के आठ अपराधी एक स्कोर्पियो और एसयूवी गाड़ी का इस्तेमाल करके लूटमार का अंजाम दिया था। इनमें से स्कोर्पियो गाड़ी को लूटमार के मास्टरमाइंड खिरोधर साहू से जब्त कर लिया गया था।
मास्टरमाइंड खिरोधर साहू, जो अपने साथीयों के साथ लूटमार को अंजाम देने के बाद कन्याकुमारी में फरार हो गए थे, इस घटना के मास्टरमाइंड थे। एसपी ने खुलासा किया कि खिरोधर साहू वह प्लानर थे जो अपने साथीयों के साथ नेशनल हाईवे और जीटी रोड पर फर्जी डीटीओ और पुलिस अधिकारिय के रूप में तैनात होकर गाड़ियों की रेकी किया करते थे, और उनके पीछे छुपकर उन जगहों में लूटमार करते थे।
I Abhimanyu Kumar have been doing journalism for the last four years, at present I am working as the Chief-Editor of Giridih Views. You can contact me through the given link.