छात्रों की आत्महत्याएँ: कौन ज़िम्मेदार, एक्‍सपर्ट ने बताया जिंदगी बचाने का अचूक तरीका


पढ़ाई के प्रेशर से घुट रहा है बच्‍चों का दम, एक्‍सपर्ट ने बताया जिंदगी बचाने का अचूक तरीका
IMG-20240727-WA0000-1
Picsart_23-03-27_18-09-27-716

पढ़ाई का बोझ बच्‍चों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को खराब कर सकता है। यह पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि वो बच्‍चों में स्‍ट्रेस और एंग्‍जायटी को पहचानकर उससे लड़ने और उसे दूर करने के तरीकों के बारे में खोज करें। इस बदलाव में स्‍कूल भी बच्‍चे और माता-पिता की मदद कर सकते हैं।

हर बच्‍चे से यही उम्‍मीद की जाती है कि वो पढ़ाई में अच्‍छा परफॉर्म करे क्‍योंकि सोसायटी में बच्‍चों की पढ़ाई को लेकर काफी ज्‍यादा जोर दिया जाता है। पैरेंट्स भी अपने बच्‍चे पर पढ़ाई में अव्‍वल आने को लेकर काफी ज्‍यादा प्रेशर डालते हैं और यही चाहते हैं कि उनका बच्‍चा अपनी जिंदगी में तरक्‍की करे। इस पूरे चक्‍कर में बच्‍चे के ऊपर मानसिक दबाव पड़ने लगता है जिस पर शायद ही कभी किसी का ध्‍यान जाता है।

Picsart_24-03-04_04-01-19-666
Picsart_22-05-25_12-04-24-469
Picsart_24-04-04_11-48-44-272

बच्‍चे कर लेते हैं सुसाइड

हाल ही में एक खबर आई थी जिसमें 9वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने स्‍कूल की बिल्‍डिंग से छलांग मारकर अपनी जान दे दी थी। उसने अपने सुसाइड नोट में पढ़ाई को अपने मरने की वजह बताया था। कुछ दिनों पहले यूपी के एक छात्र को स्‍कूल की फीस ना भर पाने क वजह से परीक्षा में बैठने से मना कर दिया गया था।

बच्‍चों में स्‍ट्रेस का कारण

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक आर्टिकल में साकेत के मैक्‍स सुपर स्‍पेशियलिटी हॉस्‍पीटल में मेंटल हेल्‍थ और बिहेवरियल साइंसेस के डायरेक्‍ट और हेड डॉक्‍टर समीर मल्‍होत्रा ने कहा कि किशोरावस्‍था बहुत नाजुक होती है और इस समय बच्‍चों के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और वो एक विकासात्‍मक फेज से गुजर रहे होते हैं। इससे उनमें बायोलॉजिकल स्‍ट्रेस रहता है।

पढ़ाई करते रहने का प्रेशर होता है

बच्‍चों पर हर वक्‍त पढ़ाई करते रहने का प्रेशर होता है और इस चक्‍कर में उन्‍हें बाकी चीजों या अपनी पसंद के कामों के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। अनहेल्‍दी कॉम्‍पीटिशन, पढ़ाई का बोझ और पूरी ना होती उम्‍मीदों का असर बच्‍चे के ऊपर प्रेशर के रूप में पड़ता है और वो पढ़ाई और खुद को लेकर एक नेगेटिव धारणा बना लेता है।

पैरेंट्स को क्‍या करना चाहिए

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा पढ़ाई को बोझ की तरह ना ले तो उससे स्‍ट्रेस के बारे में बात करें। बच्‍चे को यह विश्‍वास दिलाएं कि तनाव होने पर वह आपके पास आ सकता है। उसे आपके रिएक्‍शन से डर नहीं लगना चाहिए। उसे पता होना चाहिए कि कभी-कभी स्‍कूल में स्‍ट्रेस महसूस होना नॉर्मल है और आप उसे सपोर्ट करने के लिए हमेशा मौजूद हैं।

बच्‍चे पर बहुत ज्‍यादा प्रेशर ना डालें

इसके अलावा आप अपने बच्‍चे पर बहुत ज्‍यादा प्रेशर ना डालें। याद रखें कि हर किसी के आगे बढ़ने की अपनी स्‍पीड होती है। आप अपने बच्‍चे को स्‍ट्रेस से निपटने के लिए हेल्‍दी तरीके सिखाएं जैसे कि डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन या फिर उसे फिजिकल एक्टिविटी करवाएं। बच्‍चे को पढ़ाई से ब्रेक लेने के लिए प्रोत्‍साहित करें और ध्‍यान रखें कि वो पर्याप्‍त नींद ले रहा है और फन एक्टिविटीज भी कर रहा है।

-Advertisment-

Picsart_23-02-13_12-54-53-489
Picsart_22-02-04_22-56-13-543
Picsart_24-02-06_09-30-12-569
Picsart_24-03-22_12-08-24-108
Picsart_24-03-22_12-11-20-925
Picsart_24-03-22_12-10-21-076

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page