इंजीनियरिंग के बाद अब प्रबंधन और कंप्यूटर एप्लीकेशन के क्षेत्र में भी बेटियों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई योजना शुरू की गई है। तकनीकी कॉलेजों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए शैक्षणिक सत्र 2024 से विशेष स्कॉलरशिप योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। इस योजना के तहत बीबीए, बीसीए और बीएमएस प्रोग्राम की मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। इस योजना पर लगभग 7.5 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च होंगे।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से छात्राओं को मिलेगा लाभ
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बीबीए, बीसीए और बीएमएस की छात्राओं को इस नई स्कॉलरशिप का लाभ मिलेगा, जिसके तहत 3000 से अधिक मेधावी छात्राओं को प्रति वर्ष 25 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इंजीनियरिंग में अतिरिक्त सीट और स्कॉलरशिप के कारण छात्राओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, और इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए अब प्रबंधन और कंप्यूटर एप्लीकेशन के क्षेत्र में भी बेटियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
केवल एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को मिलेगा लाभ
यह स्कॉलरशिप योजना केवल एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों के छात्रों को ही उपलब्ध होगी, क्योंकि एआईसीटीई ने पहली बार आगामी सत्र से बीबीए, बीसीए और बीएमएस प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी दी है। इससे पहले, इन तीनों प्रोग्रामों को पढ़ाने की मंजूरी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मिलती थी।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के कारण बेटियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019 में यह संख्या 29 प्रतिशत थी, जो 2020 में 30 प्रतिशत और 2021 में 36 प्रतिशत तक पहुंच गई। पिछले दो वर्षों में भी छात्राओं की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग डिप्लोमा में 29 प्रतिशत और इंजीनियरिंग यूजी प्रोग्राम में यह संख्या 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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