8 साल का लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप और महज 2 महीने में छूटा साथ, रुला देगा शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की कहानी…


आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। देश उनकी शहादत को आज भी याद कर रहा है। बता दे कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उन्हें उनकी बहादुरी के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। इस दौरान सभी ने कैप्टन अंशुमन सिंह को नम आंखों से याद किया।

कैप्टन अंशुमन सिंह के परिवार वालों के लिए वह क्षण गर्व करने वाला था जब उन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया। इस पुरस्कार को ग्रहण करने उनकी पत्नी और मां आई जिनके चेहरे पर गर्व के साथ-साथ दुख साफ तौर पर देखी जा सकती थी। कैप्टन की पत्नी स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा कहा करते थे मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा।

इस दौरान रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैप्टन की पत्नी स्मृति का एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वह अपने पति को याद करते हुए अपने और अपने पति के बारे में कुछ बातें शेयर कर रही थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। 

बता दे की कैप्टन अंशुमन और स्मृति दोनों ने 8 साल तक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी की थी और शादी के महज दो महीने के बाद ही दोनों का साथ हमेशा के लिए छूट गया। 

 

स्मृति ने अपने पति अंशुमन के साथ बिताए हुए पलों को याद करते हुए कहा कि ‘हम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे. एक तरह से यह पहली नजर का प्यार था. एक महीने बाद अंशुमन का सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया. वह बहुत ब्रिलियंट थे. सिर्फ एक महीने की मुलाकात के बाद हम आठ साल ‘लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप’ में रहे.’

 

उन्होंने आगे कहा की फिर हमने शादी करने का फैसला किया, लेकिन शादी के दो महीने के अंदर ही उनकी तैनाती सियाचिन में हो गई। मैंने अंशुमन से 18 जुलाई को बहुत देर तक फोन पर बात की। इस दौरान हमने अगले 50 साल की प्लानिंग, अपना एक घर बनाने, बच्चों को जन्म देने और भी बहुत सारी बातें कीं, लेकिन अगले दिन जब मैं सो कर उठी तो मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे.’ उन्होंने कहा कि वह आज तक इस गम से उबर नहीं पाई हैं। 

 

कैप्टन अंशुमन सिंह की शहादत की कहानी भी आम नहीं है कैप्टन पिछले साल जुलाई में भीषण आग से लोगों को बचाते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने देश और लोगों की रक्षा के लिए अपने जान न्योछावर कर दिए। राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना चिकित्सा कोर, 26वीं बटालियन पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर उन्होंने आग लगने की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी का परिचय दिया।


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