विवाह से पहले लड़का और लड़की का ‘स्वास्थ्य राशिफल’ मिलाना न भूलें, जानें इस ब्‍लड डिसऑर्डर के लक्षण और इलाज..


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थैलेसीमिया खून से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. यह एक ब्लड डिसऑर्डर है, जो की दो थैलेसीमिया माइनर के बच्चों में पाया जाता है. ये एक जानलेवा बीमारी होती है. जो पैदा होते से ही बच्चे में दिख जाती है. इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं है. इस बीमारी के व्यक्ति को पूरे जीवन दूसरे के रक्त पर निर्भर रहना पड़ता है. हर 15 दिन में बच्चे के लिए रक्त की खोज करनी पड़ती है. तभी वो जिंदा रह सकता है. सरकार भी ऐसे बच्चों की मदद के लिए बहुत सी सुविधाएं प्रदान करती है.

क्या है थैलेसीमिया...

यह एक वंशानुगत खून की बीमारी है. जिसके कारण शरीर में सामान्य से बहुत ही कम मात्रा में हीमोग्लोबिन मौजूद होता है. मेजर थैलेसीमिया में खून बनना बंद हो जाता है. जिसकी वजह से पीड़ित के अंदर दूसरे का खून डाला जाता है. इस बीमारी में आयरन की गोलियों का भी सेवन किया जाता है, ताकि खून की मात्रा में सुधार हो. थैलेसीमिया के बारे में विगत 8 वर्षों से थैलेसीमिया बीमारी की रोकथाम और पीड़ित बच्चों की सहायता करते आ रहे डॉ शैलेन्द्र दुबे (ओरल एंड कॉस्मेटिक सर्जन) ने बताया कि मेजर थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे 20 से 25 साल तक ही जीवित रह पाते हैं. यदि उसका खून हर 15 दिन में बदला जाए. डॉ. शैलेंद्र ने अपनी संस्था में 90 थैलेसीमिया मेजर पीड़ित बच्चों को गोद लिया है. जिनका इलाज और खून का इंतजाम वो निःशुल्क खुद करते हैं.

इस प्रकार लगाएं पता..

थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है. पहला होता है माइनर, जिससे व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. लेकिन दूसरा जन्म के समय से शिशु में हो जाता है. जिसे मेजर थैलेसीमिया कहते हैं. जिस भी बच्चे को ये बीमारी हो जाती है उसका बचना बहुत ही मुश्किल होता है. थैलेसीमिया मेजर मुख्य रूप से दो थैलेसीमिया माइनर के बच्चे में पाया जाता है.

शादी के पहले जरूर करवाएं ये टेस्ट…

थैलेसीमिया एक जानलेवा बीमारी है. जिसकी दो थैलेसीमिया माइनर के बच्चों में 50% तक थैलेसीमिया मेजर होने की संभावना होती है. इस बीमारी से होने वाले बच्चे को बचाने के लिए लोगों को शादी के पहले थैलेसीमिया टेस्ट करवाने की आवश्यकता है. अगर टेस्ट में दोनों को थैलेसीमिया माइनर आए तो शादी न करें. आमतौर पर इसका पता लगाना मुश्किल है. इसका पता लगाने के लिए टेस्ट करवाना आवश्यक है.

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इस प्रकार करवाएं इलाज

थैलेसीमिया मेजर के इलाज के लिए रेगुलर आयरन की गोली लेनी जरूरी होती है. साथ ही चिलेशन थेरेपी करनी होती है. इसका स्थाई इलाज बोनमैरो ट्रांसप्लांट होता है, जो की बहुत हो मुश्किल और महंगा होता है. थैलेसीमिया माइनर की जांच आप झारखंड के किसी भी जिला अस्पताल में निःशुल्क करवा सकते हैं. थैलेसीमिया मेजर के बच्चों के लिए सरकार ने डे केयर सेंटर भी बनवाया है, जहां पर उन्हें निःशुल्क रक्त उपलब्ध करवाया जाता है।

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