New Criminal Law: रिलेशनशिप में धोखा दिया तो जाना पड़ेगा जेल, नए कानून की धारा 69 सिखा देगी सबक…


Picsart_24-03-04_04-01-19-666
Picsart_22-05-25_12-04-24-469
Picsart_24-04-04_11-48-44-272

भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने 1 जुलाई 2024 से IPC की जगह ले ली है. अब से आपराधिक मामलों का निपटारा BNS की धाराओं के तहत होगा. नए कानूनों में कुछ ऐसे अपराधों को शामिल किया गया है, जिनका पुराने IPC में सीधे तौर पर जिक्र नहीं था. उनमें से एक है शादी का झूठा वादा करके किसी महिला से संबंध बनाना. इसका प्रावधान BNS के सेक्शन 69 में है. कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि धारा 69 ने एक तरह से रिलेशनशिप में धोखा देने को गैरकानूनी बना दिया है.

BNS में कुल 19 चैप्टर हैं. इसके 5वें चैप्टर का टाइटल है – ‘महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध’. सेक्शन 69 इसी चैप्टर का हिस्सा है और इसे यौन अपराधों की श्रेणी में रखा गया है.

भारतीय न्याय संहिता (BNS) का सेक्शन 69 क्या है?

भारतीय न्याय संहिता 2023 का सेक्शन 69 छल या धोखा देकर किसी महिला के साथ संबंध बनाने को अपराध बताता है. इसमें लिखा है, ‘किसी महिला को धोखा देकर उसके साथ यौन संबंध बनाने पर दोषि को 10 साल तक की जेल की सजा दी जा सकती है. अगर कोई व्यक्ति बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा करके यौन संबंध बनाता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी. साथ ही दोषी को जुर्माना भी देना होगा.’ यह धारा उन मामलों में लागू होगी जो रेप की श्रेणी में नहीं आते.

क्यों हो रहा है BNS सेक्शन 69 पर विवाद?

धारा 69 में ‘छल’ को जिस तरह परिभाषित किया है, उसके कारण खासतौर पर पुरुषों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है. धारा 69 में ‘छल’ का स्पष्टीकरण दिया हुआ है, जिसमें रोजगार या प्रमोशन का झूठा वादा, प्रलोभन और पहचान छिपाकर शादी करना शामिल है.

IMG-20240727-WA0000-1
Picsart_23-03-27_18-09-27-716

आजकल के रिश्ते पुराने जमाने से काफी अलग हैं. पहले जहां ज्यादातर लोगों की अरेंज्ड मैरिज हुआ करती थी, वहीं आजकल शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के कॉन्सेप्ट को मान्यता मिल रही है. लिव-इन रिलेशन में शादि किए बिना लड़का और लड़की एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह एक ही घर में रहते हैं. इस दौरान कपल्स इस बात का आकलन करते हैं कि वे जीवन भर एक दूसरे के साथ रहना पसंद करेंगे या नहीं. लेकिन हर लिव-इन रिलेशन सफल नहीं होता.

अगर रिश्तों में खटास होती है, तो BNS सेक्शन 69 के तहत महिलाओं के पास अपने पार्टनर को जेल भेजने की पावर आ जाती है. जबकि पुरुषों के संरक्षण के लिए कोई प्रावधान नहीं है. TOI का रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि BNS की धारा 69 विश्वसनीय सबूत के बिना पुरुषों को गिरफ्तार करना आसान बना सकती है.

‘धारा 69 की थी सख्त जरूरत’

पीटीआई से बात करते हुए, वरिष्ठ आपराधिक वकील शिल्पी जैन ने कहा कि धारा 69 में छल के तौर पर ‘पहचान छिपाने’ को शामिल करना काफी जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में पुरुषों द्वारा महिलाओं का शोषण किया जा रहा है जो उनसे शादी का वादा करके उनके साथ यौन संबंध बनाते हैं. अगर वादा करते समय पुरुषों का शादी करने का कोई इरादा नहीं था तो यह एक अपराध है.’

हालांकि, वरिष्ठ वकील ने प्रमोशन या रोजगार के झूठे वादे को इसमें शामलि करने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि शादी के वादे को प्रमोशन के वादे के साथ नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि शादी का वादा प्यार, विश्वास पर आधारित है, जबकि रोजगार/प्रमोशन का वादा वो लाभ हैं जिन्हें महिलाएं यौन संबंध के बदले में स्वीकार कर रही हैं. यह म्यूचुअल बेनेफिट यानी दोनों के फायदे का रिश्ता है.’

IPC में ‘शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाने’ पर क्या नियम था?

भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) में कहीं भी ‘धोखे से यौन संबंध’ के अपराध को परिभाषित नहीं किया है. हालांकि, उसकी धारा 90 कहती है कि यौन संबंध की वो सहमति अवैध मानी जाएगी जो तथ्य की गलतफहमी में दी गई है. यदि सहमति किसी व्यक्ति ने डर में आकर सहमति दी है, तो वो भी मान्य नहीं होगी. ऐसे मामलों में आरोपियों पर धारा 375 (रेप) के तहत कार्यवाही की जाती थी.

-Advertisment-

Picsart_23-02-13_12-54-53-489
Picsart_22-02-04_22-56-13-543
Picsart_24-02-06_09-30-12-569
Picsart_24-03-22_12-08-24-108
Picsart_24-03-22_12-11-20-925
Picsart_24-03-22_12-10-21-076


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page