केरल के वायनाड में आए भूस्खलन की त्रासदी के पांचवें दिन भी तलाशी अभियान जोर-शोर से जारी है। अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। राहत-बचाव में लगी एजेंसियां लगातार मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने का प्रयास कर रही हैं। शुक्रवार को कई लोगों को जिंदा निकाला गया है, जिससे उम्मीदें अभी भी बनी हुई हैं।
वायनाड के गांवों में भूस्खलन के बाद उन्नत उपकरणों और खोजी कुत्तों की मदद से तलाशी अभियान को तेज किया गया है। अब तक 210 से अधिक शव बरामद किए जा चुके हैं और अस्पताल में भर्ती 187 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आई है। बचाव दल जीपीएस निर्देशांकों और ड्रोन चित्रों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
रडार वाले ड्रोन भी राहत और बचाव कार्य में लगाए गए हैं। ये ड्रोन एक बार में 40 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं और मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाने के लिए तरंगों का उपयोग करते हैं। बचावकर्मियों को मलबे के नीचे किसी मानव या पशु की सांस लेने के संकेत मिलते हैं।
30 जुलाई की रात जब लोग सो रहे थे, तभी भारी बारिश के बीच जमीन सरकने लगी। सुबह तक मुंडक्कई, मेप्पडी और चूरलमाला नूलपुझा कस्बों में जबरदस्त भूस्खलन हो चुका था। लगातार बारिश के कारण मिट्टी नरम और कमजोर हो गई थी, जिससे यह भूस्खलन हुआ। स्थानीय घर, इलाका और चाय बागान डूबने लगे थे।
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