झारखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली झारखंडी भाषा खतीयान संघर्ष समिति से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस समिति के केंद्रीय उपाध्यक्ष, संजय मेहता ने अपने पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
10 सितंबर 2024 को जारी किए गए पत्र में, संजय मेहता ने अपने इस्तीफे का औपचारिक ऐलान किया। इस पत्र में उन्होंने झारखंड के क्रांतिकारियों और महापुरुषों का उल्लेख करते हुए, उनके सपनों को साकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, और अन्य महापुरुषों का आदर करते हुए यह कहा कि इनकी सोच को अमल में लाने के लिए उन्हें आत्म-निरीक्षण और मनन की आवश्यकता महसूस हो रही है।
इस आत्म-निरीक्षण और विचार-विमर्श के बाद, संजय मेहता ने संगठन की प्राथमिक सदस्यता और केंद्रीय उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है। उन्होंने संगठन को अपने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं और आशा जताई है कि संगठन अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा करेगा।
संजय मेहता के इस इस्तीफे से समिति के कार्यकर्ताओं और झारखंड के समाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
हजारीबाग से लड़ा था लोकसभा चुनाव…
हजारीबाग लोकसभा से जेबीकेएसएस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार मेहता ने 1.5 लाख से ज्यादा वोट लाकर एक बड़ा उदाहरण पेश किया था। परिणाम आने के बाद प्रत्याशी संजय कुमार मेहता ने हजारीबाग लोकसभा वासियों समेत एक-एक जन के प्रति आभार प्रकट किया था। उन्होंने कहा था कि यह हमारी कोई पराजय नहीं है बल्कि जीत की बुनियाद है। हम साधारण नौजवानों के पास क्या था? कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं, कोई धनबल नहीं, कोई बाहुबल नहीं। इसके बावजूद हम लोगों ने कड़ी चुनौती पेश की। हमारी चुनौती देश के बड़े राजनीतिक सत्ता से थी। खुद जहां पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पूरा सिस्टम, पूरा पैसा रहा लगा हो वहां हम 29 – 30 साल के नौजवान शिद्दत से लड़ाई लड़ रहे थे।
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