गिरिडीह: शहर के विभिन्न हिस्सों में महीनों से फैली गंदगी और कचरे के ढेर के कारण गिरिडीह में महामारी की दस्तक का खतरा मंडराने लगा है। शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर जमा कचरे से न केवल दुर्गंध फैल रही है, बल्कि जानलेवा कीटाणु और मक्खियां भी तेजी से पनप रहे हैं। इस स्थिति से परेशान स्थानीय लोग और राहगीर अपनी यात्रा के दौरान नाक पर मास्क या रुमाल लगाए बिना बाहर निकलने में असहज महसूस कर रहे हैं।
सड़कों पर कचरे में सड़े-गले अनाज, सब्जियां और फल खाने से आवारा पशु भी बीमार पड़ रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द ही सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो गिरिडीह शहर महामारी की चपेट में आ सकता है।
प्रमुख इलाकों में गंदगी का अंबार
गिरिडीह के पचम्बा बड़ा चौक, सब्जी मंडी, मकतपुर चौक, कालीबाड़ी रोड, बस स्टैंड रोड, और रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख इलाकों में गंदगी की समस्या चरम पर है। इन स्थानों पर कचरे से उठती दुर्गंध राहगीरों और दुकानदारों के लिए असहनीय हो गई है। स्कूल और कॉलेज के बच्चे भी इस गंदगी और बदबू से परेशान हैं।
स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं दिख रहा।
युवा नेता का कड़ा विरोध
भाजपा के युवा नेता और निवर्तमान जिला परिषद सदस्य महेंद्र वर्मा ने नगर निगम और जिला प्रशासन की इस उदासीनता के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत सफाई अभियान चलाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शहर से गंदगी नहीं हटाई गई, तो लोग होल्डिंग टैक्स का भुगतान बंद कर देंगे और प्रशासन के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
महामारी का खतरा बढ़ा
शहर में मौजूदा सफाई व्यवस्था को लेकर स्थानीय नागरिकों में गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि नगर निगम और जिला प्रशासन की लापरवाही से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। आने वाले दिनों में यदि इस स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो महामारी फैलने से जन-धन की हानि हो सकती है।
गिरिडीह की जनता अब प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार कर रही है। वहीं, दूसरी ओर, सरकारी अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का दौर शुरू होने की आशंका है। सवाल यह है कि क्या गिरिडीह प्रशासन समय रहते चेत पाएगा या फिर महामारी फैलने के बाद ही कदम उठाए जाएंगे?
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