रांची: ई-कल्याण पोर्टल के माध्यम से छात्रों को छात्रवृत्ति वितरण में सुधार और नियमितता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने सोशल मीडिया के जरिए विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान पिछड़ा वर्ग के 91,000 छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना शेष है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए विभाग ने कल्याण मंत्री के अनुमोदन से 157 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने की पहल की है।
वित्तीय अनियमितताओं के समाधान पर जोर
आयुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में ई-कल्याण पोर्टल पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन नहीं खोले गए थे, और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान दिसंबर 2022 में आरंभ हुआ। इन विलंबों के कारण ई-कल्याण एक शैक्षणिक सत्र पीछे चला गया। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए छात्रवृत्ति वितरण को नियमित बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्री-मैट्रिक के लिए बड़े पैमाने पर आवेदन
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्कूली शिक्षा विभाग से 28 लाख प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से अब तक 18,08,878 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। आयुक्त ने कहा कि प्री-मैट्रिक के लिए आवंटित राशि उपलब्ध है और जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 की समाप्ति से पहले सभी पात्र छात्रों का भुगतान पूरा करें।
दो चुनावों के बावजूद हुआ सुचारु वितरण
अजय नाथ झा ने बताया कि वर्ष 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने के बावजूद 39 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण सफलतापूर्वक किया गया। इनमें 35,09,863 छात्रों ने प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्राप्त की, जबकि 4,89,765 छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी गई।
भविष्य में नियमितता पर फोकस
आयुक्त ने यह भी कहा कि विभाग की प्राथमिकता छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता और नियमितता सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान अब तक 18 लाख से अधिक छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा चुकी है और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।