मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत भौतिक सत्यापन के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। उपायुक्त मती विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना के लाभुकों की जांच की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ कि एक ही बैंक खाते का उपयोग अलग-अलग नामों से 95 बार किया गया है। मामला सामने आने के बाद उपायुक्त ने खाता धारक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का निर्देश दिया है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
भौतिक सत्यापन के दौरान पाया गया कि इंडसइंड बैंक में खोले गए एक ही खाते से चास प्रखंड और गोमिया प्रखंड में 95 बार आवेदन किया गया। इनमें चास प्रखंड में 67 बार और गोमिया में 28 बार आवेदन दर्ज किया गया।
यह सभी आवेदन पलामू जिले के डालटेनगंज, मेदनीनगर स्थित सीएससी वीएलई सुमीत कुमार (ID सं. 542316220013) से किए गए। सत्यापन के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि जिस बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया, उसका खाता संख्या 100253387047 और धारक का नाम यूसुफ (पता- पतागोड़ा, बड़ाखांती, उत्तरदिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) है।
फर्जी नाम और राशन कार्ड का इस्तेमाल
जांच अधिकारियों ने यह भी पाया कि इन आवेदनों में फर्जी राशन कार्ड नंबर दर्ज किए गए थे। इतना ही नहीं, सभी फर्जी नामों के उपनाम में “किस्कू”, “हांसदा” और “मुर्मू” जोड़ा गया, ताकि वे आदिवासी समुदाय से संबंधित प्रतीत हों और उन्हें योजना का लाभ आसानी से मिल सके।
21 नवंबर को हुए एक साथ कई आवेदन
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 21 नवंबर 2024 को एक ही दिन में एक ही खाते से कई बार आवेदन किया गया। इससे स्पष्ट है कि योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
फर्जी आवेदन रोकने के लिए उठाए गए कदम
हालांकि, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग ने एक ही खाते से किए गए दोहराव वाले आवेदनों की स्वीकृति रोक दी, जिससे अभी तक किसी भी फर्जी लाभुक के खाते में राशि ट्रांसफर नहीं की गई है।
इसके अलावा, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान झारखंड राज्य में कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन पाए गए, जिनका दोबारा आंगनबाड़ी कर्मियों से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन पूरा होने के बाद, फर्जी आवेदकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या बोले प्रशासनिक अधिकारी?
इस पूरे मामले पर उपायुक्त मती विजया जाधव ने कहा,
“हमने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के सभी लाभुकों का सख्ती से भौतिक सत्यापन शुरू किया है। फर्जी आवेदनों की पहचान कर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।