झारखंड सरकार जल्द ही राज्य कर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है। अब इसे मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार इस योजना का उद्देश्य राज्य के कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मियों समेत उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है।
कौन होंगे लाभार्थी?
- राज्य कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निम्नलिखित व्यक्तियों और उनके आश्रितों को लाभ मिलेगा:
- झारखंड विधान सभा के वर्तमान सदस्य
- राज्य सेवाओं के कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मी
- उनके पति/पत्नी, 25 वर्ष तक के बेरोजगार पुत्र, अविवाहित, विधवा या परित्यक्ता पुत्री
- आश्रित नाबालिग भाई, अविवाहित बहन, और माता-पिता (9000 रुपये से कम पेंशन पाने वाले)
- दिव्यांग आश्रितों को आजीवन स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा।
- योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा। गंभीर बीमारियों के मामलों में यह सीमा बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकती है।
गंभीर बीमारियों के लिए विशेष कवरेज
चिकित्सा सहायता के लिए एक 50 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट बफर फंड तैयार किया गया है। इस फंड से चिन्हित गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। साथ ही, बीमा राशि से अधिक चिकित्सा खर्च के मामलों में सहायता के लिए झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से कॉरपस फंड का प्रावधान किया गया है।
त्रुटियों का हुआ समाधान
इस योजना को पहले लागू करने में कुछ तकनीकी और प्रशासनिक समस्याएं आ रही थीं। स्वास्थ्य विभाग ने अब उन सभी त्रुटियों का समाधान कर लिया है, जिससे योजना का सुचारू क्रियान्वयन संभव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से राज्य के कर्मियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और गंभीर बीमारियों के इलाज का बोझ कम होगा। जल्द ही योजना को अंतिम मंजूरी देकर राज्यभर में लागू किया जाएगा।
मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।