गिरिडीह: केंद्रीय बजट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता कृष्ण मुरारी शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक कितने किसानों को तीन लाख रुपये तक की किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लिमिट का लाभ मिला है? उन्होंने कहा कि लघु और सीमांत किसानों को केसीसी का लाभ नहीं मिल पाता, वहीं महिला किसानों को भी इस योजना से वंचित रखा जाता है, जबकि कृषि कार्यों का 90% हिस्सा महिलाएँ संभालती हैं।
“सरकार योजना तो बनाती है और बजट में प्रावधान भी करती है, लेकिन न समीक्षा होती है और न ही निगरानी।” श्री शर्मा ने कहा कि योजनाओं की सही मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण वे जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं हो पातीं और अपने उद्देश्य से भटक जाती हैं। यही कारण है कि आजादी के 77 साल बाद भी गरीबी देश का पीछा नहीं छोड़ रही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज भी सरकार को 80 करोड़ गरीबों को राशन देना पड़ रहा है ताकि वे जिंदा रह सकें।
श्री शर्मा ने यह भी कहा कि बड़े किसानों ने खेती छोड़ दी है और अपनी जमीन बटाई पर दे रखी है, जबकि लघु और सीमांत किसानों को केसीसी लोन नहीं मिलता। उन्होंने झारखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का केसीसी ऋण माफ करने का भी काम किया है।
उन्होंने केंद्र सरकार के “जनविश्वास 2.0” का जिक्र करते हुए कहा कि बजट में 100 कानून रद्द करने का प्रावधान तो किया गया, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की बात फिर नजरअंदाज कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस बजट से देश के 70% किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।