गिरिडीह में ऑनलाइन गेमिंग की लत ने कराया लूट , पुत्र मोह के चक्कर में मां भी अपराध में हुई शामिल, ऐसे हुआ खुलासा

Abhimanyu Kumar
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Highlights
  • ऑनलाइन गेमिंग की लत – युवक ने साढ़े चार लाख रुपये गंवाए।
  • शादी की तैयारियों का दबाव – पैसे की कमी के चलते मानसिक तनाव बढ़ा।
  • मां-बेटे ने रची साजिश – फर्जी लूटकांड की कहानी गढ़ी।
  • पुलिस जांच में खुलासा – मोबाइल CDR और बैंक डिटेल से सच्चाई सामने आई।
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नलाइन गेमिंग की लत ने एक युवक को अपराधी बना दिया। सरिया थाना क्षेत्र के अछुआटांड़ में बीते 2 मार्च को हुए लूटकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इस घटना का मास्टरमाइंड खुद शिकायतकर्ता ही निकला। पुलिस जांच में सामने आया कि ऑनलाइन गेम में साढ़े चार लाख रुपये गंवाने के बाद युवक ने अपनी मां के साथ मिलकर लूट की झूठी कहानी रची थी।

ऑनलाइन गेम में डूबा युवक बना अपराधी

सरिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) धनंजय राम और थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि जीतेंद्र कुमार मंडल नामक युवक को ऑनलाइन गेम खेलने की लत थी। बीते चार महीनों में उसने लगभग साढ़े चार लाख रुपये गंवा दिए, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा उसकी शादी के लिए मिले दहेज का था।

शादी की तैयारियों के दबाव में रची लूट की साजिश

ज्यों-ज्यों शादी की तारीख नजदीक आती गई, परिवार वालों ने उससे शादी की तैयारियों के लिए पैसे की मांग शुरू कर दी। लेकिन ऑनलाइन गेम में सारी रकम गंवा चुका जीतेंद्र इस दबाव को झेल नहीं पाया। उसने अपनी मां को पूरी बात बताई और जब दबाव बढ़ा तो आत्महत्या की धमकी देने लगा। पुत्र मोह में फंसी मां ने भी उसका साथ दिया और दोनों ने मिलकर लूट की साजिश रच डाली।

घर में ही रची गई लूट की झूठी कहानी

पुलिस जांच में सामने आया कि जीतेंद्र और उसकी मां ने घर में खुद को बंधक बनाकर लूटपाट की झूठी कहानी गढ़ी। उन्होंने दावा किया कि अपराधियों ने घर से 1.74 लाख रुपये नकद, 400 ग्राम चांदी और 3 ग्राम सोने के जेवरात लूट लिए।

तकनीकी जांच से खुली पोल

पुलिस ने जब मामले की बारीकी से जांच की तो कई संदेहास्पद तथ्य सामने आए। बार-बार बयान बदलने और बैंक खातों की जांच करने के बाद टेक्निकल सेल ने जीतेंद्र के मोबाइल का कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाला। इससे उसकी साजिश की परतें खुलती चली गईं। आखिरकार, जीतेंद्र, उसकी मां और दिव्यांग पिता ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली।

एसआईटी ने की थी जांच

गिरिडीह पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसडीपीओ धनंजय कुमार राम के नेतृत्व में बनी इस टीम में इंस्पेक्टर ज्ञान रंजन, थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह, पुलिस अवर निरीक्षक योगेश कुमार महतो और सहायक अवर निरीक्षक श्रवण कुमार सिंह शामिल थे। टीम की मेहनत के बाद इस फर्जी लूटकांड का पर्दाफाश हो गया।

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