जमुआ: जिले के झारखंड धाम फीडर और जमुआ प्रखंड में इन दिनों बिजली संकट ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। भीषण गर्मी के बीच लगातार हो रही बिजली कटौती से लोगों की परेशानियाँ बढ़ती जा रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के घंटों तक बिजली गुल रहती है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं व्यापारी वर्ग के कारोबार पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है, जबकि विद्यार्थी पढ़ाई में पिछड़ते जा रहे हैं।
तकनीकी खराबी या लापरवाही?
जब इस विषय में झारखंड धाम फीडर के बिजली मिस्त्री धनराज वर्मा से जानकारी ली गई, तो उन्होंने तकनीकी खराबी की बात कहकर “एक घंटे में बिजली बहाल होने” का भरोसा दिलाया। फिर भी कई घंटे बीत जाने के बावजूद बिजली नहीं आई।
स्थिति तब और चिंताजनक हो गई जब लोगों ने जमुआ बिजली कार्यालय और पावर ग्रिड से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वहां का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ मिला। इससे विभागीय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जनता में बढ़ रहा आक्रोश
ग्रामीणों का आरोप है कि हर बार तकनीकी खराबी का बहाना बना कर जनता को गुमराह किया जाता है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जाता। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की इस लापरवाही से उनकी दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और बिजली विभाग से इस समस्या पर तत्काल संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि तकनीकी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और आपात स्थिति में संपर्क के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।