झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को और पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) ने अब राज्य के सभी मैट्रिक और इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) लेना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में JAC ने सभी सरकारी स्कूलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
क्या है ‘पेन’ नंबर?
‘पेन’ यानी परमानेंट एजुकेशन नंबर एक विशेष पहचान संख्या होगी, जो प्रत्येक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र को आवंटित की जाएगी। इस नंबर का उपयोग स्कूल से संबंधित हर कार्य में अनिवार्य होगा। चाहे वह परीक्षा का आवेदन हो, ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) लेना हो या किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाना हो—हर जगह इस नंबर की जरूरत पड़ेगी।
फर्जी छात्रों पर रोक
झारखंड सरकार की इस पहल से अब फर्जी छात्रों के रजिस्ट्रेशन पर प्रभावी रोक लग सकेगी। अक्सर देखा गया है कि कई बार स्कूल छोड़ने वाले छात्रों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पाता था, जिससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता पर सवाल उठते थे। अब इस नंबर के जरिए प्रत्येक छात्र का संपूर्ण डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ भी सही और जरूरतमंद छात्रों तक पहुंच सकेगा।
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कब से होगा ?
यह नियम सत्र 2025–27 से लागू किया जाएगा। यानी, 2026 में होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए आवेदन करते समय छात्रों को अपना ‘पेन’ नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा ने सभी स्कूलों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
झारखंड सरकार और झारखंड अधिविद्य परिषद का मानना है कि इस पहल से शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा। साथ ही, छात्रों के रिकॉर्ड को ट्रैक करना आसान होगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।

मैं अभिमन्यु कुमार पिछले चार वर्षों से गिरिडीह व्यूज में बतौर “चीफ एडिटर” के रूप में कार्यरत हुं,आप मुझे नीचे दिए गए सोशल मीडिया के द्वारा संपर्क कर सकते हैं।