गिरिडीह: बंगाल की खाड़ी में तेजी से विकसित हो रहे ‘मोंथा’ चक्रवात को देखते हुए गिरिडीह जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। जिला उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री रामनिवास यादव ने जिलेवासियों से विशेष सतर्कता और एहतियात बरतने की अपील की है।
उपायुक्त ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार यह ट्रॉपिकल तूफान अगले कुछ दिनों में गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है, जिसके प्रभाव से झारखंड के दक्षिणी व मध्य क्षेत्रों में तेज हवाएँ, भारी वर्षा और वज्रपात की संभावना जताई गई है।
उन्होंने कहा कि जिले में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए लोग बिना जरूरत घरों से बाहर न निकलें, विशेषकर बच्चों को नदी, तालाब, डोभा व जलाशयों से दूर रखें। उपायुक्त ने कहा कि अत्यधिक बारिश से सड़क जाम, कच्चे मकान के क्षतिग्रस्त होने, बिजली बाधित होने, फसलों के नुकसान और वज्रपात जैसी घटनाओं की संभावना बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कहीं जलजमाव की स्थिति बनती है तो जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और ऐसे क्षेत्रों में लोग जाने से बचें।
उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर स्तर पर सतर्कता और तैयारी पूरी रखी जाए ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या क्षति को रोका जा सके।

🔹 जारी दिशा-निर्देश:
1. संभावित प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को तैयार स्थिति में रखा जाए।
2. निचले और जलभराव वाले इलाकों की पहचान कर वहाँ के लोगों को सुरक्षित स्थलों पर स्थानांतरित करने की योजना बनाएं।
3. संचार व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त और सक्रिय रखा जाए।
4. सभी बीडीओ एवं थाना प्रभारियों को 24 घंटे निगरानी और त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
