गिरिडीह: जमुआ प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय, दुम्मा में शुक्रवार को वंदे मातरम गीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड सरकार सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के पत्रांक-520 दिनांक 03.11.2025 तथा भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के दिनांक 27.10.2025 के निर्देशानुसार आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने एक स्वर में वंदे मातरम गीत का सामूहिक गायन किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य विनोद कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वंदे मातरम एक योजस्वी एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत गीत है, जो देश में सद्भाव, बंधुत्व और एकता की भावना को प्रबल करता है। उन्होंने बताया कि वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित उपन्यास आनंद मठ से लिया गया है, जिसकी रचना 7 नवंबर 1875 को हुई थी और प्रकाशन 1882 ईस्वी में हुआ था।
वहीं शिक्षक मनोज कुमार ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन एवं साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे एक महान कवि, लेखक और उपन्यासकार थे, जिनका जन्म 27 जून 1838 को बंगाल के नेहाटी के कांठलपाड़ा में हुआ था। उन्होंने बताया कि वंदे मातरम गीत पहली बार 1896 में कोलकाता में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति का प्रतीक बन गया था।
कार्यक्रम के दौरान वर्ग दशम की छात्रा चांदनी कुमारी ने हारमोनियम की संगत में वंदे मातरम गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। छात्र पंचम कुमार, गोविंद कुमार, कमलेश कुमार, कोमल कुमारी और खुशबू कुमारी ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक शिक्षक सुधीर कुमार एवं सहायक शिक्षिका फूलमती कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।