फंगल संक्रमण, जिसे माइकोसिस भी कहा जाता है. स्किन पर होने वाले फंगल इंफेक्शन कई बीमारियों के संकेत होते हैं. त्वचा, बाल, नाखून, श्लेष्म झिल्ली या फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं. कुछ सामान्य फंगल संक्रमणों में दाद, नाखून इंफेक्शन शामिल हैं. फंगल इंफेक्शन हल्के से लेकर जानलेवा तक हो सकते हैं. कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को फंगल इंफेक्शन की बीमारी हो सकती है. जो लोग बुजुर्ग हैं या जो स्टेरॉय लेते हैं उन्हें अक्सर फंगल इंफेक्शन की दिक्कत हो सकती है.
बरसात में शरीर के उन हिस्सों में इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. जिस जगह पर नमी होती है. उसमें फ्रिक्शन होता है. डायबिटीज मरीज को फंगल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है. एचआईवी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी वाले लोगों को इम्युनिटी वाले को फंगल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा होता है.
अपनी त्वचा को साफ और सूखा रखें..
फफूंद गर्म, नम वातावरण में पनपते हैं. इसलिए, फफूंद संक्रमण को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है. अपनी त्वचा को नियमित रूप से हल्के साबुन और पानी से धोएं, खासकर पसीना आने के बाद। अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं, नमी जमा होने वाले क्षेत्रों जैसे कि पैर, कमर और अंडरआर्म्स पर विशेष ध्यान दें.
आरामदायक कपड़े पहनें..
जब हमने रूबी हॉल क्लिनिक में त्वचा विशेषज्ञ डॉ. अविनाश जाधव से बात की, तो उन्होंने कहा कि कपास जैसे प्राकृतिक रेशों से बने ढीले-ढाले, सांस लेने योग्य कपड़े चुनें। इससे आपकी त्वचा को सांस लेने में मदद मिलती है और नमी के जमा होने का जोखिम कम होता है. जब फुटवियर की बात आती है, तो ऐसे जूते चुनें जो हवा के संचार की अनुमति देते हों, और हर दिन एक ही जोड़ी पहनने से बचें. नमी सोखने वाले मोज़े भी आपके पैरों को सूखा रखने में मदद कर सकते हैं.
नाखूनों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें…
वायरल इंफेक्शन नाखूनों, खासकर पैर के नाखूनों को प्रभावित करते हैं. इसे रोकने के लिए, अपने नाखूनों को ट्रिम और साफ रखें. क्यूटिकल्स को काटने से बचें, क्योंकि इससे फफूंद के लिए प्रवेश बिंदु बन सकता है. अगर आप अक्सर नेल सैलून जाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वे क्रॉस-संदूषण से बचने के लिए सख्त स्वच्छता प्रथाओं का पालन करते हैं.
पब्लिक प्लेस पर खाली पैर न घूमें…
स्विमिंग पूल, लॉकर रूम और शॉवर जैसी सार्वजनिक जगहें फंगस के प्रजनन स्थल हैं. अपने पैरों को संभावित रूप से दूषित सतहों के सीधे संपर्क में आने से बचाने के लिए इन वातावरणों में हमेशा फ्लिप-फ्लॉप या शॉवर शूज़ पहनें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. गिरिडीह व्यूज इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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