सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में “वन नेशन, वन इलेक्शन” पर सेमिनार का आयोजन

Pintu Kumar
3 Min Read
Highlights
  • "वन नेशन, वन इलेक्शन" पर 21 दिसंबर 2024 को सेमिनार आयोजित।
  • बीएड और डीएलएड प्रशिक्षुओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
  • प्रचार्या डॉ. अनुज कुमार ने इस नीति के पक्ष में विचार रखते हुए इसे प्रभावी बताया।
  • प्रो. कौशल राज, डॉ. ओम प्रकाश राय, डॉ. शमा परवीन, और अन्य शिक्षकों ने विचार साझा किए।
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गिरिडीह के कोलडीहा स्थित सुभाष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में 21 दिसंबर 2024 को “वन नेशन, वन इलेक्शन” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।

अपना विचार व्यक्त करते प्रशिक्षु..

सेमिनार में “वन नेशन, वन इलेक्शन” के संभावित लाभ और चुनौतियों पर चर्चा हुई। प्रशिक्षुओं ने इस नीति के पक्ष में कहा कि इससे चुनाव खर्च में कमी आएगी, राजनीतिक स्थिरता स्थापित होगी, और विकास कार्यों में तेजी आएगी। दूसरी ओर, कुछ प्रशिक्षुओं ने इसके नुकसान की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इससे स्थानीय मुद्दों की अनदेखी हो सकती है, संवैधानिक जटिलताएं बढ़ सकती हैं, और आपातकालीन स्थितियों का प्रबंधन कठिन हो सकता है।

संस्थान के महा निर्देशक सह अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” एक दूरदर्शी विचार है, लेकिन इसे लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श और राजनीतिक सहमति की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.संजीव कुमार सिंह ने अपना सकारात्मक पक्ष रखते हुए कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” से चुनावी खर्चों में कमी, विकास कार्यों में बाधा खत्म, प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित होगी, और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी।

महाविद्यालय के प्रचार्या डॉ.अनुज कुमार ने सकारात्मक पक्ष रखा..

महाविद्यालय के प्रचार्य डॉ. अनुज कुमार ने इस नीति के समर्थन में अपनी राय रखते हुए कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” से देश में संसाधनों की बचत होगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी। प्रो. कौशल राज ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस पहल से राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ,शिक्षकेतरऔर प्रशिक्षुओं…

कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने भी भाग लिया। सेमिनार में डॉ. ओम प्रकाश राय, डॉ. शमा परवीन, प्रो. पोरस कुमार, प्रो. धर्मेंद्र मंडल, प्रो. बृजमोहन कुमार, प्रो. सोमा सूत्रधार डॉ.संजीव कुमार सिंह , प्रो.राजकिशोर प्रसाद समेत अन्य ने अपने विचार रखे। 

प्रशिक्षणार्थियों में दीपेंद्र कुमार दास,अनिल कुमार दास,संजय पंडित,शंकर हंसदा, चंदन झारखंडी, गुड़िया टुडू, यदि प्रशिक्षुओं ने अपना विचार वक्त किया।

वहीं शिक्षकेतर कर्मचारियों में राजेश कुमार, प्रियेश कुमार, पूजा, मिकल और उदय ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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