गिरिडीह/रांची: मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना के खिलाफ कांग्रेस ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला…


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Giridih/Ranchi :मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके इज्जत को शर्मसार करने एवं लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं के खिलाफ गुरुवार को गिरिडीह जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया के अगुवाई में गिरिडीह के टावर चौक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेन सिंह का पुतला दहन किया गया।
 इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की तथा उनमें काफी आक्रोश दिखा। पुतला दहन के दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए सतीश केडिया ने कहा कि मणिपुर राज्य पिछले ढाई महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। सैकड़ों की हत्या हो चुकी है हजारों परिवार बेघर हो गए हैं बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है तथा अब तक मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा को रोकने में नाकाम रही है। मैं महामहिम राष्ट्रपति से मांग करता हूं कि अभिलंब मणिपुर की सरकार को बर्खास्त करें और दोषी लोगों को फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि दुनिया के पटल पर देश को शर्मसार करने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। प्रदेश कांग्रेस के सचिव अजय सिन्हा ने कहा कि इस सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए मणिपुर में हो रही घटनाएं शर्मनाक है इस अमानवीय घटना से आज पूरा देश शर्मसार है।भाजपा सरकार सिर्फ गरीब, दलित, आदिवासी विरोधी ही नहीं है, खासकर यह महिला विरोधी भी है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरेश वर्मा, अजय सिन्हा मंटु, समीर राज चौधरी, ऋषिकेश मिश्रा, बिलाल अंसारी, पोरेश नाथ मित्रा, शाहनवाज अंसारी, महमूद अली खान लड्डु, राजेश तूरी, चन्द्रशेखर सिंह,रामनंद कुशवाहा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने पहले पार्टी कार्यालय से झंडा बैनर लिए शहर में विरोध प्रदर्शन किया तत्पश्चात केंद्र सरकार के पुतला का दहन किया।

रांची में कांग्रेस कमेटी ने किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन

 मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अमानवीय एवं शर्मनाक घटना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया गया।
इसी कड़ी में राज्य की राजधानी रॉंची में मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई अमानवीय एवं शर्मनाक घटना के खिलाफ झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन आज शाम 05 बजे अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में किया गया।
पुतला दहन कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है कि 21वीं सदी में भी एक महिला के साथ इस तरह की बर्बरता की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना भाजपा शासित प्रदेशों में ज्यादा घट रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की इस घटना सिर्फ मणिपुर ही नहीं पूरे भारत वर्ष को शर्मशार किया है।

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उन्होंने कहा कि क्या बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की नारा देने वाली भाजपा यह बताए कि क्या इस तरह से बचेगी बेटियां। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऑल इज वेल का दिखावा कब बंद करेंगी, मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब हटाया जाएगा। प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ वायरल वीडियो दिल दहला देने वाली है। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि क्या ऐसेी घटनाओं से प्रधानमंत्री बेचौन नहीं होते। ऐसी घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करती। उन्होंने कहा कि मणिपुर महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते तो भाजपा का नारी शक्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है।
कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है। पीएम मोदी को उनकी चुप्पी पर देश कभी माफ नहीं कर पाएगा। राज्य और केंद्र में खुद की नाकामियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी को देश को बताना चाहिए कि मणिपुर में हुआ क्या है। संसद में हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में हिंसा पर विस्तृत बयान देना चाहिए। मणिपुर के मुख्यमंत्री का तत्काल इस्तीफा लिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि मणिपुर हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं और अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। आज 1800 घंटे से अधिक समय की चुप्पी के बाद आख़िरकार प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। उसके बाद पीएम ने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर दिया। उन्होंने न तो शांति की कोई अपील की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से अपना पद छोड़ने के लिए कहा।
विधायक दीपिका पाण्डेंय सिंह ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत हुई है। इससे हम सबका सिर शर्म से झुका है। यह बेहद अफसोसजनक है कि प्रधानमंत्री जी ने आज 78 दिन के बाद मणिपुर हिंसा को लेकर मुंह खोला है, मगर इस दौरान भी उन्होंने सिर्फ़ राजनीति की। सीजेआई को भी कमेंट करना पड़ गया, क्‍या इस शर्म से प्रधानमंत्री को बोलना पड़ा? क्या महिलाओं को इंसाफ मिलेगा या नहीं? इंडिया द्वारा इस वीडियो को लेकर सदन के बाहर और सदन के अंदर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
इस असवर प्रदेश कार्यालय अध्यक्ष बन्धु तिकी, सुखदेव भगत, विधायक दीपिका पाण्डेंय सिंह, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अनवर अंसारी, अमुल्य नीरज खलखो, राकेश सिन्हा, विनय सिन्हा दीपू, सतीष पॉल मुंजनी, सूर्यकांत शुक्ला, ईश्वर आनंद, रमा खलखो, गजेन्द्र सिंह, बेलस तिर्की, डॉ राकेश किरण महतो, निरंजन पासवान, नेली नाथन, सुन्दरी तिर्की, गुंजन सिंह, सी पी संतन, आलोक तिवारी, बसुदेव वर्मा, संजय कुमार, इन्द्रजीत सिंह, राजू राम, सुबोध गुप्ता, नीतू देवी, दिनेश लाल सिन्हा, अजय सिंह, धर्मेन्द कुमार, वेद प्रकाश तिवारी, पिंकी सिंह, पार्वती सिंह, नीलम सहाय, अजय सिंह, अनीता सिन्हा, संगीता टोप्पो, कंचन चौधरी, उषा यादव, सीता राणा, रजी अहमद, शिवटहल नायक, प्रतीमा पांडे, जानकी देवी, हेमंती जायवाल, शहनाज खातून, माया देवी, सुनैना देवी, शिल्पी चक्रवती, प्रेमी एन्थोनी, गुड्डी, सरस्वती देवी, नूतन विश्वकर्मा, रेशमा गुलशन, शाहीद अंसारी आदि सैकड़ो कांग्रेसजन शामिल थे।

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