गिरिडीह बस दुर्घटना के बाद दुर्घटनाग्रस्त बस के कागजात की जांच लगातार हो रही है. आरंभिक जांच में जहां तेज रफ्तार के पीछे परमिट की टाइमिंग को एक कारण बताया जा रहा है. वहीं बस के निबंधित नंबर JH 07H 2906 के बीमा की ऑनलाइन जांच हुई तो इसमें भी गड़बड़ी दिख रही है.
बीमा पर सवाल
बस की बीमा पॉलिसी नंबर 1130003123010240021524 है गहन जांच में पाया गया कि ये निबंधित नंबर पर बीमा न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का टू व्हिलर पैकेज पॉलिसी है और उक्त वाहन नंबर पर स्कूटर (बजाज स्पिरिट) का बीमा दिखा. इस नंबर पर जारी पॉलिसी पंकज कुमार के नाम पर दिख रहा है जबकि जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है, वह बस राजू खान के नाम पर है.ऑनलाइन से मिले बीमा के कागजात की जानकारी गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा को भी मिली है. डीसी ने इसकी जांच शुरू कर दी है. अधिकारियो को बीमा के अलावा अन्य कागजात को खंगालने को कहा गया है.
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अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई थी बस
बता दें कि रांची से लौट रही बाबा सम्राट नामक यात्री बस डुमरी गिरिडीह पथ पर बराकर नदी पर बने पुल से अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई. बस में 30-35 यात्री सवार थे. बस के नदी में गिरने की सूचना पर मौके पर स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन की टीम पहुंच राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. अबतक घटना में 4 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है.
बाबूलाल मरांडी ने डीटीओ के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया
सूबे के पूर्व सीएम सह झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने गिरिडीह बस हादसे में हुई मौतों को लेकर डीटीओ के अधिकारियों को ट्विट कर जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने (Babulal Marandi) ट्वीट में लिखा है कि गिरिडीह बस हादसे में हुई मौतों के जिम्मेदार डीटीओ के वो अधिकारी भी हैं, रोते-बिलखते परिजनों का जिम्मेदार वो भ्रष्ट अधिकारी भी हैं जिन्होने शायद पैसे खाकर स्कूटर के इंश्योरेंस पर बस चलने दिया…ये हादसा नहीं, हत्या है. इसलिये ज़िम्मेदार लोगों पर हत्या का मुक़दमा हो.
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