घर आते ही फोन पकड़ लेता है बच्चा, फोन छीनो तो रोने लगता है? छुड़ाने के लिए आजमाएं ये ट्रिक्स


आज के समय में बहुत कम ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें फोन या दूसरे गैजेट्स को इस्तेमाल करने की आदत न हो. अधिकतर पेरेंट्स इसी बात से टेंशन में रहते हैं कि उनका बच्चा हर समय फोन में लगा रहता है. इन गैजेट्स का बुरा असर बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ( Mental health tips ) पर पड़ रहा है. आजकल के बच्चे ( Phone addiction in children ) फोन और टीवी के रिमोट को ही अपनी दुनिया मानते हैं. घर में इनसे इन चीजों को छीनना मतलब झगड़े या टेशन भरा माहौल बनाना होता है. पेरेंट्स इसी बात से परेशान रहते हैं कि आखिर वे अपने बच्चे की इस लत को कैसे छुड़ाएं.

कभी-कभी पेरेंट्स बच्चों के प्रति सख्त भी हो जाते हैं, लेकिन ये तरीका उन्हें और जिद्दी बना सकता है. हम आपको कुछ ऐसी ट्रिक्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें आजमा कर आप काफी हद तक बच्चों को फोन या स्मार्ट टीवी से दूर रख सकते हैं.

बच्चे को टास्क दें

आप बच्चों से फोन या टीवी की आदत छुड़ाने के लिए उसे फिजिकल एक्टिविटी वाले टास्क दे सकते हैं. इसके लिए बाजार या मार्केट से ऐसे खिलौने लाएं, जिन्हें करने में फिजिकल मेहनत ज्यादा हो. ऐसी क्रिएटिव चीजों को करने में बच्चे का इंटरेस्ट भी जागेगा और वह ज्यादा से ज्यादा समय इन चीजों पर खर्च करेगा.

पार्क जाएं

समर वेकेशन में अधिकतर पेरेंट्स गर्मी की वजह से बच्चों को घर में रखना ही पसंद करते हैं और हेल्थ के लिहाज से ये कहीं न कहीं सही भी है. बच्चे अगर घर पर रहेंगे, तो वे फोन में भी लगे रहेंगे. ऐसे में आप उन्हें पार्क ले जाएं और इसके लिए सुबह या शाम का समय चुनें. यहां बच्चे के साथ बैडमिंटन खेलें या फिर दूसरे स्पोर्ट्स को करें. अगर आपके पास जाने का समय नहीं है, तो बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ पार्क भेजें.

प्यार से समझाएं

पेरेंट्स बच्चे से फोन छीनने या टीवी को बंद करने के चक्कर में थोड़ा सख्त हो जाते हैं. ये तरीका कुछ पल के लिए तो उसे फोन से दूर कर देगा, लेकिन हो सकता है कि बच्चा आपके प्रति नेगेटिव हो जाए. इसकी बजाय बच्चे के साथ थोड़ा प्यार से पेश आएं और उसे होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं. बच्चा आपकी बात समझेगा.

नियम बनाएं

बच्चे पूरी तरह गैजेट्स या स्मार्ट टीवी को छोड़ दे, ऐसा तो हो नहीं सकता है और आप ये चाहते नहीं हैं कि वह ऑल टाइम इसमें लगा रहे. ऐसे में बीच का रास्ता निकालना जरूरी है. आप बच्चे को गैजेट्स देने या स्मार्ट टीवी देखने के लिए नियम बनाएं. इसके लिए एक टाइमिंग तय करें. बच्चा कितने बजे से और कब तक इन्हें यूज करता है उसे इसका टाइम बताएं.


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