महिलाओं को खानी चाहिए ज्यादा हल्दी, जानिए ऐसा क्यों कहा जाता है?


Picsart_24-03-22_12-10-21-076
Picsart_24-03-22_12-11-20-925
Picsart_24-03-22_12-08-24-108
Picsart_24-03-22_12-13-02-284

सालों से हल्दी का इस्तेमाल भारतीय किचन में किया जा रहा है. इसका इस्तेमाल भारत के हर किचन में होता है. हल्दी की सबसे खास बात यह है कि यह खाना बनाने से लेकर कई सारी शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी कारगर है. कई सारे स्किन प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिसमें हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं. 

कई सारी बीमारियों की रोकथाम में कारगर है हल्दी

यह इम्युनिटी मजबूत करने के साथ-साथ कई सारी वायरल बीमारियों के खतरे को भी दूर करता है. हल्दी में  करक्यूमिन पाया जाता है जो शरीर के सूजन को कम करता है और शरीर को स्वस्थ्य रखता है. हल्दी महिलाओं के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. रोजाना इसे गुनगुने पानी में डालकर पीने से पीरियड्स संबंधी समस्याएं, पीसीओएस.पीसीओडी, हार्मोनल इनबैलेंस की समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. हल्दी को डाइट में शामिल करने से महिलाओं में एंड्रोजन का लेवल भी कंट्रोल में रहता है. 

पीरियड्स के दर्द में राहत

अगर आपको पीरियड्स में दर्द या ऐंठन, कमजोरी होती है तो आपको रोजाना हल्दी पीना चाहिए या डाइट में हल्दी की मात्रा बढ़ानी चाहिए. इससे महिलाओं को पीरियड्स में सूजन नहीं होती है. 

नोपॉज के लक्षण भी कम होते हैं

हल्दी खाने से मेनोपॉज के लक्षण भी कम होते हैं. मेनोपॉज शुरू होने से पहले महिलाओं के शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं जैसे मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, घुटनों में दर्द जैसी समस्या. हल्दी खाने से इन सभी समस्याओं से निजात मिल जाता है. रात में पसीने आने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है. 

Picsart_24-03-04_04-01-19-666
Picsart_22-05-25_12-04-24-469
Picsart_24-04-04_11-48-44-272
Picsart_23-03-27_18-09-27-716

थायरॉइड की प्रॉब्लम

थायरॉइड ऑटोइम्यून की स्थिति है. यह किसी भी महिला को हो सकती है. थायरॉइड को कंट्रोल में रखना है तो खानपान और लाइफस्टाइल को कंट्रोल में रखना होगा. इससे इम्युनिटी मजबूत होती है. 

फर्टिलिटी को सुधार

जो महिलाएं अपनी फर्टिलिटी रेट सुधारना चाहती हैं उन्हें तो जरूर हल्दी खानी चाहिए. हल्दी में ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं जो स्ट्रेस को कम करते हैं. साथ ही एग को डैमेज होने से बचाते हैं. हल्दी की तासीर गर्म होती है. यह महिलाओं के पेल्विक एरिया में ब्लड के फ्लो को बढ़ाती है.

 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. गिरिडीह व्यूज इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

-Advertisment-

15 Dec Giridih Views
Stepping Smiles
Picsart_23-02-13_12-54-53-489
Picsart_24-02-06_09-30-12-569
Picsart_22-02-04_22-56-13-543


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page