22 जुलाई से सावन शुरू, फिर भी मैली है बाबा झारखंड धाम मंदिर की शिव गंगा, डुबकी लगाने में श्रद्धालुओं को होती है परेशानी


Picsart_24-03-04_04-01-19-666
Picsart_22-05-25_12-04-24-469
Picsart_24-04-04_11-48-44-272

झारखंडधाम (गिरिडीह) : जमुआ प्रखंड अंतर्गत झारखंडधाम के छतविहीन मंदिर में विराजमान झारखंडी नाथ महादेव की कृति महान है। सोमवार को यहां बाबा को जलाभिषेक करने के लिए आसपास के जिले के अलावे दूसरे प्रांतों के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

बाबा झारखंड धाम में शिव मंदिर के सामने स्थित शिवगंगा में गंदगी का अंबार लग गया है। शिवगंगा में गंदगी फैलने के कारण से इसका जल दूषित हो गया है। शिवभक्त इसी गंदगी भरे तालाब में आस्था की डुबकी लगाने के लिए विवश हो रहे हैं। शिवगंगा में फैली गंदगी की सफाई कराने की दिशा में स्थानीय प्रशासन के साथ ही न्यास समिति के पदाधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवगंगा की सफाई और जल को दूषित होने से बचाने के लिए न्यास समिति को विशेष कार्य योजना बनानी होगी। हालांकि इससे पहले भी शिवगंगा में गंदगी फैली थी, लेकिन इससे पहले साफ किया गया था, लेकिन अब फिर से वही स्थिति बन गई है। पानी में फैली काई और तैरते कचरे से बदबू निकलने लगी है। 

IMG-20240727-WA0000-1
Picsart_23-03-27_18-09-27-716

बता दें कि बाबा झारखंड धाम में दर्शन और पूजन के लिए आम दिनों में भी बड़ी संख्या में शिवभक्त पहुंचते हैं। पूजन से पहले वे शिवगंगा में डुबकी लगाते हैं। लेकिन इन दिनों शिवगंगा में गंदगी फैली रहने से शिवभक्तों की परेशानी भी बढ़ गयी।

22 जुलाई से सावन का आरंभ होने वाला है, सावन में बाबा झारखंड धाम में श्रद्धालुओं का भारी भीड़ देखने को मिलता है। सैकड़ों धरनार्थी आते हैं बाबा की शरण में, इस पवित्र शिवनगरी में सैकड़ों धरनार्थी फलाहार पर रात दिन रहते हैं। शिवगंगा में फैली गंदगी की सफाई कराने की दिशा में स्थानीय प्रशासन के साथ ही न्यास समिति के पदाधिकारी को अब इस और ध्यान देनी चाहिए।

-Advertisment-

Picsart_23-02-13_12-54-53-489
Picsart_22-02-04_22-56-13-543
Picsart_24-02-06_09-30-12-569
Picsart_24-03-22_12-08-24-108
Picsart_24-03-22_12-11-20-925
Picsart_24-03-22_12-10-21-076


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page