गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र के कारोडीह गांव में पारिवारिक जमीन विवाद ने भयावह रूप ले लिया, जब मामूली कहासुनी देखते-ही-देखते खूनी संघर्ष में बदल गई। इस झगड़े में गांव के 65 वर्षीय बुजुर्ग कार्तिक रविदास की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है, वहीं मृतक परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, कार्तिक रविदास अपने खेतों का निरीक्षण कर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपने चचेरे भाई देवनंदन दास से यह पूछा कि उसने उनके हिस्से की जमीन क्यों जोत ली। यह सवाल विवाद का कारण बन गया। दोनों के बीच बहस शुरू हुई, जो जल्द ही गाली-गलौज और फिर हिंसा में बदल गई।
पोते अमर कुमार दास के अनुसार, विवाद के बीच देवनंदन दास ने अपने पक्ष के लोगों को बुला लिया। थोड़ी ही देर में सुरेश दास, रधिया देवी, अशोक रविदास, रामकिशुन दास, पूरन दास, किशोरी दास और प्रदीप दास मौके पर पहुंच गए। सभी हथियारों से लैस थे। इन्होंने मिलकर कार्तिक रविदास पर हमला बोल दिया। मारपीट के दौरान देवनंदन ने कुल्हाड़ी से बुजुर्ग के सिर पर वार कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही अचेत होकर गिर पड़े।
घटना के दौरान कार्तिक रविदास की चीख-पुकार सुनकर गांव के ही लक्ष्मण दास, रंजीत दास और राजन दास उन्हें बचाने पहुंचे, लेकिन हमलावरों ने इन तीनों पर भी हमला कर दिया। ये सभी घायल हुए हैं और फिलहाल गिरिडीह में उनका इलाज चल रहा है।
एंबुलेंस पहुंची, लेकिन डॉक्टर नहीं थे
मृतक के बेटे विजय दास ने बताया कि गंभीर रूप से घायल पिता को तुरंत एंबुलेंस से जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। उनका आरोप है कि समय पर प्राथमिक इलाज नहीं मिल पाने की वजह से कार्तिक रविदास की मौत हो गई। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद व्यवस्था और चिकित्सकों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, केस दर्ज
घटना की जानकारी मिलते ही जमुआ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मृतक के पोते अमर कुमार दास के लिखित आवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि प्राथमिक जांच में यह मामला पारिवारिक जमीन विवाद से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।